कोरोना वायरस (COVID-19) को दूर भगाएं, आयल पुलिंग की पद्धति अपनाए

 

वैद्य गुरु प्रमोद तिवारी

आयुष मंत्रालय द्वारा प्रस्तावित सुझावों में कोरोना वायरस (COVID-19) से बचाव में आयल पुलिंग को महत्व दिया गया है।

आयुर्वेद में गंडूष कर्म नामक इस थेरेपी की मदद से मुंह में तेल भर कर माउथवॉश की तरह कुल्ला करने से शरीर की कई समस्या से छुटकारा संभव है।

अद्भुत लाभों से भरपूर ऑयल पुलिंग
पारंपरिक आयुर्वेद में दांतों, जीभ और मुंह के भीतरी हिस्से को स्वस्थ रखने के लिए ऑयल पुलिंग का इस्‍तेमाल लगभग 3 हजार से अधिक वर्षों से किया जा रहा है। साथ ही यह कई प्रकार के अद्भुत लाभों से भरपूर है। इसमें तिल, जैतून या नारियल का तेल लेकर मुंह में घुमाया जाता है। 10-15 मिनट बाद जब तेल पतला हो जाता है तो इसे थूक दिया जाता है, और मुंह अच्छी तरह से साफ कर लिया जाता है। इसे करते समय ध्‍यान रखें कि तेल को निगले नहीं क्‍योंकि इससे मुंह में मौजूद बैक्टीरिया, वायरस, कवक और अन्य विषाक्त पदार्थों होते हैं। ऑयल पुलिंग से मुंह के बैक्टीरिया नष्ट और दांतों की सेंसिटिविटी कम होने के साथ-साथ यह थेरेपी सिरदर्द, ब्रोंकाइटिस, दांतदर्द, अल्सर, पेट, किडनी, आंत, हार्ट, लिवर, फेफड़ों के रोग और अनिद्रा में भी राहत देती है।

ऊर्जा में बढ़ोतरी:- दोस्तों आयल पुलिंग का सबसे बड़ा लाभ है कि यह आपके शरीर की एनर्जी को बढ़ाता है। सुबह उठने पर जिन लोगों को आलस से आता है उनके लिए आयल पुल्लिंग वरदान है। इससे आपको दिनभर तरोताजा और खुशनुमा महौल का एहसास होगा।

रोगप्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि:- आयल पुलिंग से शरीर से परजीवी और विषाक्त पदार्थ साफ हो जाते हैं। यह खून को शुद्ध करता है। इससे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और आप जल्दी बीमार नहीं पड़ते हैं।

हार्मोंस में संतुलन:- शरीर में मौजूद टॉक्सिन हमारे हारमोंस को प्रभावित करते हैं जिससे आगे चलकर हमें विभिन्न प्रकार की बीमारियां हो सकती हैं ऑइल पुलिंग हार्मोस का संतुलन बनाए रखने में मदद करता है।

स्किन के लिए फायदेमंद:- इसके रोजाना इस्तेमाल से हमारा खून धीरे-धीरे साफ नहीं लगता है जिससे हमारी स्किन चमकदार बनती है। ऑयल पुलिंग के सिर्फ 3 सप्ताह बाद ही आप अपनी स्किन पर इसका असर खुद ही महसूस करने लगेंगे।

दांतो की चमक बढ़ाने में मददगार:- अपने दांतो का पीलापन दूर करने के लिए केमिकल युक्त विभिन्न प्रकार के टूथपेस्ट करने की जरूरत नहीं है ऑयल पुलिंग में मौजूद एंटीबायोटिक आपके दांतो को साफ कर उनकी सफेदी बढ़ाते हैं जिससे आपके दांत अधिक चमकदार दिखने लगते हैं।

साथ ही साथ सहजन अपनाएं, भारत से कुपोषण दूर भगाएं

सहजन पत्तियों में दूध से 17 गुना अधिक कैल्शियम और पालक से 25 गुना अधिक आयरन होता है, इसमें गाजर से 10 गुना अधिक बीटा-कैरोटीन होता है, जोकि आँखों, स्किन और रोगप्रतिरोधक तंत्र के लिए बहुत लाभदायक है, सहजन में केले से 3 गुना अधिक पोटैशियम और संतरे से 7 गुना अधिक विटामिन C होता है।

सहजन का सूप

1- सहजन के सूप के नियमित सेवन से हेल्थ बेहतर होता है, यह महिला और पुरुष दोनों के लिए समान रूप से फायदेमंद है।

2- सहजन में एंटी-बैक्टीरियल गुण पाया जाता है जो कई तरह के संक्रमण से सुरक्षित रखने में मददगार है, इसके अलावा इसमें मौजूद विटामिन C इम्यून सिस्टम को बूस्ट करने का काम करता है।

3- सहजन का सूप पाचन तंत्र को भी मजबूत बनाने का काम करता है, इसमें मौजूद फाइबर्स कब्ज की समस्या नहीं होने देते हैं।

4- अस्थमा की शिकायत होने पर भी सहजन का सूप पीना फायदेमंद माना जाता है, सर्दी-खांसी और बलगम से छुटकारा पाने के लिए इसका इस्तेमाल घरेलू औषधि के रूप में किया जाता है।

5- सहजन का सूप खून की सफाई करने में भी मददगार है, खून साफ होने की वजह से चेहरे पर भी निखार आता है।

6- डायबिटीज कंट्रोल करने में सहजन बहुत उपयोगी है।

इसीलिए तो कहते है, भारत से कुपोषण को दूर भगाना है, तो सहजन को अपनाना है।

◆ दालचीनी को अपनाए, वजन को घटाएं

आजकल बढ़ता वजन या मोटापा लगभग हर दूसरे-तीसरे व्यक्ति के लिए चिंता का विषय बन गया है। ऐसे में अगर खाने में दालचीनी का सेवन किया जाए, तो कुछ हद एक यह समस्या कम हो सकती है। दालचीनी में मौजूद पॉलीफेनॉल्स, एक प्रकार का एंटी-ऑक्सीडेंट है, जो इंसुलिन की संवेदनशीलता को बेहतर कर सकता है। इंसुलिन खून में ग्लूकोज के स्तर को नियंत्रित करता है, लेकिन जब शरीर सही मात्रा में इंसुलिन नहीं बना पाता, तो ब्लड शुगर लेवल बढ़ जाता है।

इसके परिणामस्वरूप मोटापा, डायबिटीज और अन्य कई बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। एक शोध के मुताबिक, जिन महिलाओं में पॉलीसिस्टिक डिम्बग्रंथि रोग हैं, उनके लिए दालचीनी इंसुलिन प्रतिरोध को कम कर वजन को नियंत्रित कर सकती है । इसके अलावा, दालचीनी का एंटी-ओबेसिटी प्रभाव और इसमें मौजूद कई अन्य तत्व मोटापे को कम कर सकते हैं।