1990 में कारसेवा में गए थे अयोध्या अभी तक नही लौटे घर, 5 अगस्त को मिलेगी मृतक आत्मा को शांति।।

 

ग्लोबल भारत न्यूज़ नेटवर्क

लखीमपुर खीरी:- जनपद का एक ऐसा परिवार जो अब भी अपने पति की इंतजार कर रहा है, सन 1990 में अयोध्या में श्री राम जन्म भूमि का जब आंदोलन शुरू हुआ था उस समय करवारी लाल मिश्रा अपने साथियों के साथ उस आंदोलन में भाग लेने अयोध्या गए थे। लेकिन फिर वह दोबारा कभी वापस नही आए। आज भी परिवार उनके इंतजार में दरवाजे पर टकटकी लगाए इंतजार कर रहा है। उनकी पत्नी किरण कहती हैं कि भगवान के लिए वह शायद वही शहीद हो गए हैं। कल का दिन बहुत ही शुभ है प्रधानमंत्री मोदी भूमि पूजन करेंगे हमारा भी बहुत मन था लेकिन हम नहीं पहुंच पाए।

लखीमपुर खीरी के तहसील गोला गोकर्णनाथ कस्बे के पश्चिमी दीक्षिताना मोहल्ले के रहने वाले करवारी लाल 1990 में श्री राम जन्मभूमि का जब आंदोलन शुरू हुआ उसमें वह भी हिस्सा लेने अयोध्या गए थे और वह वापस दोबारा कभी नहीं आए। परिवार के लोग लोगों ने काफी तलाश की अयोध्या जाकर ढूंढा, थाने गए जेल के चक्कर लगाए लेकिन उनका कोई पता नहीं चला। थक हार कर उनकी पत्नी ने मान लिया कि शायद श्री राम के लिए वह शहीद हो गए। रिटायर अध्यापिका का किरन ने कहा कि हमारा भी मन बहुत था वहां जाने के लिए लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते हम नहीं पहुंच पा रहे हैं हम यहीं से दीप जलाएंगे। यही नहीं उनके पति मिश्रा हमेशा प्रभु राम की पूजा करते थे उसी का अनुसरण करते हुए पत्नी किरण मिश्रा भी लगातार प्रभु श्री राम की पूजा अर्चना करती हैं। किरण मिश्रा से पति के बारे में पूछने पर वह रो-रोकर बताने लगी कि 30 वर्ष पूरे हो चुके हैं लेकिन वह नहीं आए इसलिए उन्हें अब पूर्ण विश्वास हो गया है कि उनके पति श्री राम मंदिर निर्माण के लिए अपना बलिदान दे दिया।
करवारी लाल डिग्री कॉलेज में छात्र नेता भी रह चुके थे किरण मिश्रा ने बताया 5 अगस्त को श्री राम मंदिर निर्माण के लिए प्रधानमंत्री मोदी पूजन करेंगे तो मंदिर निर्माण होने लगेगा। तब पति करवारी लाल की आत्मा को शांति मिलेगी यही उनकी और परिवार की प्रसन्नता है।।